लखनऊ। बिजली कर्मियों द्वारा निजीकरण का विरोध, पुरानी पेंशन बहाली और संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर किये जा रहे हड़ताल से समूचे उ0प्र0 में आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति न होने से पानी की समस्या से लोग परेशान हैं। यहां तक कि बिजली के अभाव में पेयजल आपूर्ति ठप्प होने से लोग पेयजल के लिए परेशान हैं। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री बृजलाल खाबरी पूर्व सांसद ने कहा कि प्रदेश की आम जनता में पानी, बिजली के लिए हाहाकार मचा है और सरकार बिजलीकर्मियों की जायज मांगों को मानने और बिजली समस्या तुरन्त दूर करने के बजाए विद्युतकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उत्पीड़न करने पर उतारू है।
उन्होने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के नाम पर अडानी ग्रुप से पांच हजार चार सौ करोड़ रूपये के टेण्डर का खुलासा होने और विरोध होने पर टेण्डर निरस्त किया गया। टेंडर के मुताबिक अडानी ग्रुप को मध्यांचल में 72 लाख स्मार्ट मीटर की आपूर्ति करनी थी लेकिन टेंडर की दर अनुमानित लाग से करीब 48 से 65 प्रतिषत अधिक होने की वजह से इसका घोर विरोध हुआ और टेण्डर निरस्त करना पड़ा। जिस प्रकार प्रदेश में तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति बाधित है और कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। इससे यह साफ होता है कि योगी सरकार का शासन प्रशासन पर नियंत्रण खत्म हो चुका है। योगी सरकार की हठ धर्मिता का दुष्परिणाम जनता झेल रही है। प्रदेश में विद्युत समस्या के लिए पूरी तरह से योगी सरकार जिम्मेदार है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही निजीकरण के खिलाफ और पुरानी पेंशन बहाली की पक्षधर रही है। कांग्रेस पार्टी विद्युत कर्मियों के शोषण और उन पर किये जा रहे जुल्म, अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेगी।