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भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने पत्रकारिता दिवस एक विमर्श के रूप में मनाया

      प्रयागराज।  भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ प्रयागराज के तत्वावधान में पत्रकारिता दिवस एक विमर्श के रूप में पत्रकार भवन 11/2 ताशकंद मार्ग सिविल लाइंस प्रयागराज में   कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें कई पत्रकार साहित्यकार ,महिला पत्रकार ,कवित्री आदि शामिल रहे जिसकी अध्यक्षता डॉ रश्मि शुक्ला पत्रकार महासंघ महिला विंग की अध्यक्ष ने व संचालन श्याम सुंदर सिंह पटेल राष्ट्रीय महासचिव कार्यालय ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना व स्वागत गीत की प्रस्तुति डॉ रश्मि शुक्ला ने किया तत्पश्चात श्याम सुंदर सिंह पटेल ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि पत्रकारिता एक पुनीत एवं महत्वपूर्ण कार्य है जो ईश्वरी सत्ता के समय से आद्य पत्रकार देवर्षि नारद के काल से चली आ रही है कालांतर में यह समृद्ध हुई व भूमंडल पर जन-जन के बीच विचारों के आदान-प्रदान के रूप में आई भारत भूमि पर चलते चलते ब्रिटिश हुकूमत को आईना दिखाने एवं निज भाषा के माध्यम से राष्ट्रीय एकता अखंडता की अलख जगाने का कार्य 30 मई 1826 को उदंत मार्तंड नामक समाचार पत्र के प्रकाशन से कानपुर निवासी पंडित युगल किशोर शुक्ल ने कोलकाता से शंखनाद किया था जो लगातार पत्र ,पत्रिका व समाचार पत्रों के रूप में विकसित होती गई जो पत्रकारिता दिवस के रूप में आया तभी से भारतवर्ष में 30 मई को पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा तथा भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ जो आज पूरे देश में लगभग 10 प्रदेशों वहां के जनपदों तथा उत्तर प्रदेश में लगभग 40 जनपदों में इसकी शाखाएं चल रही है जहां पर यह कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं आज का यह कार्यक्रम वर्ष भर किए गए कार्यों और पत्रकारिता के बदलते स्वरूप इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की दशा दिशा व इसके समृद्धता के लिए एक विमर्श के रूप में पत्रकारिता दिवस कार्यक्रम आयोजित है जिसमें सभी के विचार आमंत्रित हैं यही इस कार्यक्रम की सार्थकता होगी।

इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे डॉ रश्मि शुक्ला ने कहा कि पत्रकार इस समाज का सजग प्रहरी है जो हमेशा सच को सच कायम रखने के लिए संघर्ष करता रहता है मीडिया की बड़ी उपयोगिता है किस तरह से मीडिया के सामने लोग अपनी बातें रखते हैं न्यायालय भी इनके खबरों पर संज्ञान लेकर जनहित राष्ट्रहित में न्याय करता है व निर्णय देता है समाज में फैल रही विभाजन कारी गति विधियों पर नजर रखकर देश हित में लेखन कर समाज में सौहार्द कायम करने का कार्य करते हैं क्योंकि इनकी खबरों में सच्चाई व विश्वसनीयता रहती इसलिए यह एक सेवा कार्य है जिसे हमें समर्पण और ईमानदारी से करते रहना चाहिए। इसी क्रम में पवनेश कुमार उपाध्याय ने कहा पत्रकारिता एक स्वतंत्र कार्य है जो समाज हित, जनहित ,राष्ट्रहित में तन्मयता से लगकर कार्य करना होता है यद्यपि इस भौतिकवादी युग में पत्रकार बड़ी संकट की घड़ी से गुजर रहा है और उसे कलम और कलम की झंझावात भी झेलना पड़ता है इसलिए शासन प्रशासन व प्रेस मालिकाना को इनकी सुरक्षा, संरक्षा ,स्वास्थ्य ,बीमा व जीविकोपार्जन की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए तथा सरकार को इनके जीवन यापन के लिए पेंशन योजना लागू करना चाहिए तभी पत्रकारिता निर्भीक और निष्पक्ष बनी रहेगी।

इसी प्रकार उक्त से मिली जुली बातें अन्य पत्रकारों ने भी कही जिसमें प्रमुख रुप से श्याम सुंदर सिंह पटेल, डॉ रश्मि शुक्ला ,सबीना खातून ,दबीर अब्बास ,पवनेश कुमार उपाध्याय ,सुनीति केसरवानी, सुजाता पांडे ,सुप्रिया शर्मा शुचीय श्री, रश्मि मिश्रा आदि कई लोग शामिल रहे अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन श्याम सुंदर सिंह पटेल ने किया व कार्यक्रम जलपान नाश्ता के साथ संपन्न हुआ।

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