प्रयागराज । भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के अधीन संचालित केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैन्ट प्रयागराज में नवीन सत्र-2023-24 के कक्षा ग्यारहवीं में प्रवेश की सूची केन्द्रीय विद्यालय संगठन के नियमो के विपरित जारी होने के मामले ने टूल पकड़ लिया है। अभिभावकों ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन वाराणसी परिक्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर को प्रतिवेदन देकर प्रवेश सूची को निरस्त कर पीसीबी वर्ग में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के अनुरूप प्रवेश सूची विद्यालय द्वारा जारी पहली सूची बहाल किए जाने का अनुरोधन किया है। केंद्रीय विद्यालय न्यू कैंट प्रयागराज के संस्थागत छात्र, छात्राओं को नवीन सत्र में कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु छात्रों द्वारा भरे गए आवेदन पत्र में जिस संवर्ग विषय में भरे गए थे उनके अनुरूप विद्यालय द्वारा पहली सूची 21 मई को जारी कर दी थी उसे निरस्त कर दोबारा 24 मई को जो प्रवेश सूची जारी कि गई वह केंद्रीय विद्यालय संगठन के गाइड लाइन के अनुरूप न होने के कारण अभिभावकों व संस्थागत छात्रों में नाराजगी व्याप्त है। विद्यालय प्रबंधन पहली प्रवेश सूची निरस्त कर दोबारा सूची जारी करने का सही ज़बाब न दिए जाने से नाराज अभिभावकों ने शुक्रवार को वाराणसी परिक्षेत्र के केंद्रीय विद्यालय संगठन के डिप्टी कमिश्नर को प्रतिवेदन भेजकर 24 मई की जारी प्रवेश सूची निरस्त कर 21 मई वाली सूची बहाल करने का अनुरोध किया है।
संस्थागत छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैन्ट में विगत दस वर्षों से पढ़ते हुये बच्चे आज हाईस्कूल की परीक्षा पास कर अपने लक्ष्य व भविष्य को डाक्टर, इंजीनियरिंग की दिशा में दुनियां तय करने के लिये कक्षा ग्यारह पीसीबी विषय (बायो वर्ग) से करते कि उससे पहले केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैन्ट की प्रधानाचार्या सुचित्रा के दिशा निर्देश पर सूची तैयार करने वाले जीएस यादव और आमिर खान ने अपने ही विद्यालय के बच्चों का इंजीनियरिंग और डाक्टरी का दिशा और भविष्य बनाने वाला विषय से बच्चों की इच्छा के विरुद्ध जबरजस्ती वाणिज्य विषय मे नाम डालकर बच्चों का भविष्य चौपट करने की सूची सूचना पट्ट पर चस्पा कर प्रधानाचार्या खुद पन्द्रह दिन की अवकाश पर चली गयी है। अभिभावकों ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैन्ट के गेट पर तैनात सुरक्षा गार्डों से पूछे जाने पर उनका कहना है कि चस्पा सूची के अनुसार 30 मई से सम्बंधित विषय के अनुक्रम में फीस जमा करना है और 17 जून को स्कूल खुलने पर ही प्रधानाचार्या अथवा एडमिशन सेल के प्रभारी से बात कर सकते है उसके पहले नहीं।
यदि पीसीएम के दो और वाणिज्य के दो सेक्सन बनाये जा सकते है तो बायो वर्ग की चाहत के अनुरूप पीसीबी के दो सेक्सन क्यो नहीं बनाया जा सकता? वाणिज्य विषय के दो सेक्सन में अपनी पसन्द से क्रमशः पन्द्रह और अट्ठारह बच्चे ही पढ़ना चाहते है तो उन्हे वाणिज्य का एक सेक्सन बनाकर पढ़ाया जा सकता है और वाणिज्य के एक अतिरिक्त सेक्सन को पीसीबी में समायोजित किया जा सकता है।
अभिभावको का यह कहना है कि इस वर्ष केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैन्ट के कक्षा ग्यारह में एक चौथाई बच्चे फेल हो गए है जिनकी वजह से नये बच्चो को उनका पसंदीदा विषय नहीं मिल पा रहा है। बच्चो का कहना है कि ग्यारह में फेल बच्चो के कारण उन्हें इसका शिकार क्यो बनाया जा रहा है। यदि कक्षा ग्यारह में सौ बच्चे है और सबके सब फेल हो जाय तो क्या कक्षा दस उत्तीर्ण किये हुये बच्चो को प्रवेश नही दिया जाएगा? या कोई विकल्प बनाया जाएगा? इसका उत्तर तो यही है कि विकल्प बनाया जाएगा।
अभिभावकों ने उपयुक्त केन्द्रीय विद्यालय संगठन परिक्षेत्र वाराणसी मांग किया है कि कक्षा ग्यारह में पीसीबी वर्ग के बच्चों की संख्या बढ़ रही है तो बढ़ती संख्या के अनुक्रम में पीसीएम और वाणिज्य विषय की भांति पीसीबी विषय मे भी दो सेक्सन बनाने की कृपा करें ताकि केवीएस के बच्चों को भविष्य का डाक्टर बनने की उम्मीद पर पानी फिरने से बचाया जा सके।