कैडर कैम्प को सम्बोधित करते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बत्तीस वर्ष बाद जैसे ही बसपा का गठन होता है वैसे ही सत्ताधारी पार्टियां जिन्हें सत्ता में प्रतिनिधित्व नही मिलता था उन्हें भी बसपा के दबाव के कारण प्रतिनिधित्व देना शुरू कर दिया। बसपा ने सुश्री मायावती के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में पहले चार माह, फिर छः माह, फिर सोलह माह की सरकार जिसके समर्थन से बनाई थी समर्थन देने वाली पार्टियां बसपा के जन कल्याणकारी नितियों से घबरा गई और समर्थन वापस लेकर जनता के साथ विस्वासघात किया।
बसपा की सरकार गिरते ही प्रदेश की जनता में आक्रोश पैदा हुआ और सर्वसमाज की जनता ने 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा और सुश्री बहन मायावती को पूर्ण जनादेश देकर प्रचण्ड बहुमत के साथ सरकार बनाई तथा पूर्व में बसपा की सरकार का समर्थन वापस लेनी वाली पार्टियों का जनता ने सबक सिखाया। पूर्ण बहुमत की सरकार बनते ही बहन मायावती के नेतृत्व की सरकार ने बैकलॉग, नौकरियों के पदोन्नति में आरक्षण, ठेकेदारी में आरक्षण, स्कूल, कालेज, इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेज खोलकर जनकल्याणकारी कदम उठाए। उन्होंने कहा कि सुश्री बहनजी के कार्यकाल को आज भी सुशासन के रूप में जाना जाता है जिसे प्रदेश की जनता आज भी याद कर रही है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी आम जनता के सहयोग से संगठन चलाती है जबकि अन्य दल पूंजीपतियों से सहयोग लेकर उनके लिये ही काम करते है।
सपा ने बहुजन समाज का बहुत अधिक नुकशान किया है जिसे भुलाया नहीं जा सकता। 2012 में अपनी सरकार में सपा ने दलितों के अधिकारियों को पदावनत किया, अखिलेश यादव के इशारे पर सपा सांसद से पदोन्नति में आरक्षण का बिल फड़वाया, ठीकेदारी में आरक्षण समाप्त किया। इतना ही नहीं बहुजन महापुरुषों के नाम पर रखे जिलों के नाम को बदल दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनो एक ही सिक्के के दो पहलू है। चुनावी समय मे इन्हें दलित और दलित बस्तियां याद आती है।
उक्त अवसर पर प्रयागराज मण्डल के मुख्य मंडल प्रभारियों में अशोक गौतम, डा. एसपी सिद्धार्थ, अभिषेक गौतम, घनश्याम पटेल, संजय गोस्वामी, विजय सरोज, अतुल कुमार टीटू, साबिर सिद्दीकी, चिंतामणि वर्मा, रामबृज गौतम, प्रेम चन्द्र निर्मल, अमर नाथ निडर, योगेश्वर कान्त, शेखू, रसीद, प्रभु पासी, बच्चा कुशवाहा, कमलेश, कामू सोनकर, विनय पासी, शीलू शुक्ला, अनिरुद्ध आजाद के साथ सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।