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भारत का संविधान ही सबसे पवित्र पुस्तक :आईपी रामबृज

संविधान मेला की भब्यता हेतु चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान

     प्रयागराज। डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा), देवपती मेमोरियल ट्रस्ट और प्रबुद्ध फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 26 नवंबर को संविधान दिवस के पावन अवसर पर हाईकोर्ट स्थित डा. अम्बेडकर मूर्ति स्थल पर संविधान मेला व संविधान महोत्सव-2023 का आयोजन किया जा रहा है। इस मेला में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दावा के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज के मुताबिक, बहुजन बाहुल्य बस्तियों में जाकर अधिवक्ताओं, समाज सेवियों की टीम संविधान प्रदत्त अधिकारों के विषय मे जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है ताकि लोग अपने हक के प्रति सजग रहे और आवाज उठा सकें।

        संविधान मेला के मुख्य संयोजक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने शुक्रवार को बारा तहसील के विकास खण्ड कौंधियारा की ग्रामसभा बड़हा में संविधान जागरूकता अभियान के सातवें दिन आम जनमानस को बताया कि संविधान का अनुच्छेद-17 अस्पृश्यता व छूआछूत मुक्त भारत देश के साथ संविधान के अनुच्छेद-15 जातिविहीन भारत देश का निर्माण व संविधान के अनुच्छेद 39 (ख) जमीन और उद्योगों के राष्ट्रीयकरण के साथ साथ संविधान के अनुच्छेद-13 रूढ़िवादी प्रथा को समाप्त कर वैज्ञानिकता पर आधारित समाज निर्माण की बात करता है। आजादी का अमृत महोत्सव की तरह संविधान दिवस की पचहत्तरवीं वर्षगांठ मानायें जाने में अभी दो वर्ष शेष बचे है क्या केन्द्र और राज्य की सरकारे अपने सत्ता के दौरान संविधान के अनुच्छेद-13, 15, 17, 38 (क), 39 (ख) और अनुच्छेद- 290 का शतप्रतिशत पालन कराने में या तो फेल हुई है या उक्त अनुच्छेद में दिए गए प्राविधानों के विरुद्ध कार्य किये है। क्या केन्द्र और राज्य की ऐसी सरकारों को सत्ता में बने रहना चाहिये ?

        जागरूकता अभियान के दौरान  बजरंगी लाल, कमलेश कुमार, हरिनन्दन, रकम लाल, आकाश चौधरी, लल्ला प्रसाद, कुम्भराज, अभयराज,रामअभिलाष, उर्मिला देवी, रामकली, पुष्पा देवी, रामावती गुड्डी देवी, राजकुमारी के साथ सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

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