प्रबुद्ध पाठशाला के बच्चों ने विद्यार्थी दिवस पर देश को प्रबुद्ध भारत बनाने का लिया संकल्प
प्रयागराज। ज्ञान के प्रतीक बोधिसत्व भारतरत्न डा. बाबासाहेब आम्बेडकर ने महाराष्ट्र के सतारा में 7 नवम्बर 1900 के दिन प्रथम बार स्कूल में प्रवेश लिया था इसी दिन उनके शैक्षिक जीवन की शुरुआत हुई थी। स्कूल में उस समय 'भिवा रामजी आंबेडकर' यह उनका नाम रजिस्टर में क्रमांक - 1914 पर अंकित था। जिसके सामने बाबासाहेब का हस्ताक्षर मौजूद हैं। इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ को अहमदाबाद गुजरात स्थित दलित फाउंडेशन ने 2007 में सम्मान और गर्व के साथ सुरक्षित कर स्कूल में रखा गया है। आज विद्यालय प्रवेश दिवस 7 नवम्बर को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 'विद्यार्थी दिवस' मनाने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 27 अक्टूबर 2017 को लिया गया गया है। इस दिन महाराष्ट्र के सभी विद्यालयों एवं कनिष्ठ महाविद्यालयों में डा. बाबासाहेब आम्बेडकर के जीवन पर आधारित व्याख्यान, निबंध, प्रतियोगितायें, सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।
प्रबुद्ध फाउंडेशन के प्रबंधक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज द्वारा यमुनापार की तहसील बारा के विकास खण्ड जसरा स्थित ग्रामसाभा छतहरा घुरेहठा, तातारगंज और जसरा में 07 से 17 आयु वर्ग के बच्चों के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास के साथ उनके शैक्षिक विकास के लिये खोली गई प्रबुद्ध पाठशाला के सैकड़ों बच्चो ने 07 नवम्बर का दिन विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया।
विद्यार्थी दिवस पर देशराज बौद्ध, फूलचंद्र, अशोक कुमार, संतोष, कमलेश, दीदान, भगवान दीन, राजाराम, विष्णु, मालती, महिमा, अंगूरा, उर्मिला आदि उपस्थिति रहे।