प्रयागराज । 2024 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद जस्टिस लोया की हत्या की जाँच कराई जाएगी। उनके हत्यारों को जेल भेजकर ही जजों को न्याय कर पाने लायक भयमुक्त वातावरण दिया जा सकता है। ये बातें बक्शी बाजार स्थित छेत्रयी कांग्रेस कार्यालय पर अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा जस्टिस लोया की हत्या की 9 वीं बरसी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेस नेताओं ने कही।
इस मौके पर शहर अध्यक्ष अरशद अली ने कहा कि जस्टिस लोया अपनी हत्या के समय सोहरबुद्दीन शेख फ़र्ज़ी मुठभेड़ कांड की सुनवाई कर रहे थे जिसमें अमित शाह मुख्य अभियुक्त थे। नागपुर में उनकी संदिग्ध मृत्यु के बाद मामला दूसरे जज को ट्रांसफर हो गया था जिन्होंने अमित शाह को बरी कर दिया था। उनकी मृत्यु पर जस्टिस लोया के परिजनों ने सवाल उठाते हुए इसे हत्या बताया था। उनका यह भी दावा था कि मृत्यु से पहले उन्हें पक्ष में फैसला देने के एवज में सौ करोड़ रिश्वत की पेशकश की गयी थी। अरशद अली ने कहा कि तब कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के नेतृत्व में 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही इस मामले की निष्पक्ष जाँच कराकर हत्यारों को जेल भेजा जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस कार्यालय पर अल्पसंख्यक कांग्रेस की मासिक बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए संगठन को चुस्त दुरुस्त करने पर चर्चा के साथ ही पिछले कार्यक्रमों की समीक्षा की गयी।
इस मौके पर पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मो हसीन, महफूज़ अहमद, तालिब अहमद, मुस्ततिन अहमद,तबरेज अहमद, जाहिद नेता, मुख्तार अहमद, गुलाम वारिस, मो तालिब,लाईक अहमद फ़ैज़ अहमद, मो ताहा, बेलाल खां असलम शेख, अब्दुल्ला, आदि मौजूद रहे।