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सामाजिक परिवर्तन का काम किसी भी सूरत में रुकना नहीं चाहिए: रामबृज

       प्रयागराज। मान्यवर कांशीराम साहब का कहना था कि हमारे मिशन में साथ देने वाले कुछ लोग थक जायेंगें, कुछ नाराज हो जायेंगे, कुछ बिक जायेंगे। एक जायेगा और ग्यारह आयेंगें भी। साहब का कहना था कि वो सबको नेता नहीं बना सकते, जो छोड़कर जाना चाहते है उनको रोका नहीं जा सकता लेकिन सामाजिक परिवर्तन का काम किसी भी सूरत में रुकना नहीं चाहिए युक्त बाते बहुजन समाज पार्टी जिला इकाई प्रयागराज के जिला कार्यकारिणी के सदस्य उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामबृज गौतम ने बताई। उन्होंने बताया कि चुनाव के समय जो लोग टिकट ना मिलने से नाराज हो जाते हैं, उनके लिए साहब का यही संदेश था कि वो सबको नेता नही बना सकते। दूसरी बात ये भी हैं कि बसपा के लिए मेहनत सबसे ज्यादा दलित शोषित समाज ही करता आया है, बाकी लोग उस मात्रा में मेहनत नहीं करते लेकिन टिकट तो अकेले दलितो को नही दे सकते क्योंकि जब आप टिकट देने में ही बाकी शोषित वर्गों के साथ भेदभाव की नीयत रखोंगे तो कोई आपके साथ क्यों आयेंगा। वैसे भी बसपा समर्थको में इस बात से कम फर्क पड़ता है कि टिकट किसको मिलता है, वो हर हालत मे बसपा का समर्थक बने रहना ही रहना पसंद करते हैं। 

     दलित शोषित समाज का व्यक्ति जो टिकट पाने की लाइन में होता है, उसको लगता है कि उनको ही टिकट मिलना चाहिए लेकिन किसी राज्य में क्या सिर्फ दलित समाज के व्यक्ति को ही हर सीट पर टिकट देकर पार्टी को सीमित करने की सोच के साथ चलाना ठीक रहेगा, भले ही बाकी वर्गो का वोट कम आता हो या परिस्थितियों के अनुसार आता हो लेकिन आता है और वो तभी आता हैं जब बाकी वर्गो को लगे कि ये दल सत्ता में आने पर हमारा भी ख्याल रखेगा। 

सामाजिक परिवर्तन का काम किसी भी सूरत में रुकना नहीं चाहिए: रामबृज

यूपी में दलित समाज सिर्फ 21-22 प्रतिशत हैं, जिसमे से ज्यादा से ज्यादा 80-85 % वोट बसपा की तरफ आया हो सकता है, यानि 17% के आसपास लेकिन बसपा को यूपी में 31% तक वोट मिले थे, इसीलिए ये सभी टिकट की लालसा रखने वाले दलित नेताओं को समझना चाहिये कि बसपा मे टिकट दलितो को भी मिलेंगा, आदिवासियों को भी मिलेंगा, पिछड़ों को भी मिलेंगा, मुस्लिम समाज को भी मिलेंगा और सवर्णो को भी मिलेगा। सत्ता कोई खिलौना नहीं हैं कि हर समाज आपको सत्ता देने के लिए लड़ेंगा, लड़ना आपको ही है, बाकी लोगों में हो सकता हैं काशीराम साहब के संघर्षो को समझने के लिए वो जज्बा आपसे थोड़ा कम हो, जो आप लोगो में हो और वो अपनी महत्वाकांक्षाओं और अपने समाज के हितो को ध्यान में रखकर बसपा में टिकट चाहता हो। कोई भी पार्टी ऐसे ही सभी जातियों व धर्मो का वोट पाने की कोशिश करती है।

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