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तीन सौ किताबें लिखने वाले अल्लामा ज़ीशान हैदर जव्वादी की बरसी पर पेश कि गई खेराजे अक़िदत

     प्रयागराज के बड़े और ख्याति प्राप्त अज़ीमुश्शान मज़हबी रहनुमा अल्लामा ज़ीशान हैदर जव्वादी की चौबीसवीं बरसी पर शहर के मुख्तलिफ तन्ज़ीमों व अदारों के साथ ओलमा ने खेराजे अक़िदत पेश कि। मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार में खानवादा ए अल्लामा जव्वादी की ओर से बरसी की मजलिस में उनके क़ायम किए गए मदरसे जामिया अनवारुल उलूम के उस्ताद छात्र व बड़ी संख्या में ओलमा ने शिरकत कि।

तीन सौ किताबें लिखने वाले अल्लामा ज़ीशान हैदर जव्वादी की बरसी पर पेश कि गई खेराजे अक़िदत
हुज्जतुल इस्लाम मौलाना कमाल अहमद खां साहब क़िब्ला ने मजलिस को खेताब करते हुए उनकी ख़िदमात ए ख़ल्क़ व उनके द्वारा लिखी गई तीन सौ किताबों का हवाला देते हुए तफसीली तक़रीर कि।मजलिस का आग़ाज़ मौलाना मोहम्मद ताहिर की तिलावत ए कलाम ए पाक से हुआ।कई शायरों ने ताज़ियती नज़्म भी पेश कि।उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार अल्लामा ज़ीशान हैदर जव्वादी का निधन सन दो हज़ार में आबूधाबी में रोज़े आशूरा यानि दस मोहर्रम को शहादत ए इमाम हुसैन पर शामें ग़रीबां की मजलिस पढ़ने के उपरान्त हृदयाघात से हुआ था उनका जनाज़ा प्रयागराज लाया गया था। और दरियाबाद क़ब्रिस्तान में उनको सुपुर्द ए खाक किया गया था।उनके निधन पर तत्कालीन राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके निधन को देश के अमन पसन्द लोगों के लिए बड़ी क्षति बताया था।उस वक्त की महापौर श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ करैली अस्करी मार्केट वाली रोड का नाम अल्लामा जव्वादी के नाम किया था जो आज भी उसी नाम से शिला पट लगा हुआ है।मौलाना के बड़े बेटे मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी ने बताया कि अल्लामा ज़ीशान हैदर जव्वादी ने लगभग तीन सौ किताबें लिखने व क़ुरआन मजीद का तर्जुमा (अनुवाद) ,नहजुल बलाग़ा ,सहीफा ए सज्जादीया ,मफातेह अल जनान का अनुवाद ,नक़ूशे अस्मत का मुतालबा व तर्जुमा (अनुवादित)क़ुरआन जैसी अज़ीम चीज़ें क़ौम ओ मिल्लत के लिए फराहम कराई जो आज भी लोगों को लाभ पहुंचा रही हैं।मजलिस में अल्लामा जवादी की शरीके हयात (पत्नी )ज़मीर फात्मा व छोटे बेटे मौलाना एहसान हैदर जव्वादी के लिए भी मग़फीरत की दुआ की गई जो अब इस दुनिया से रुखसत हो चुके हैं।
तीन सौ किताबें लिखने वाले अल्लामा ज़ीशान हैदर जव्वादी की बरसी पर पेश कि गई खेराजे अक़िदत

इस मौक़े पर मौलाना रज़ी हैदर , मौलाना मोहम्मद अली गौहर , डॉ रिज़वान हैदर रिज़वी मौलाना शहरयार हुसैन , मौलाना मोहम्मद अब्बास , मौलाना कल्बे अब्बास ,मौलाना आमिरुर रिज़वी ,मौलाना अख्तर हुसैन ,मौलाना अम्मार ज़ैदी , मौलाना ज़रगाम हैदर ,मौलाना आज़म मेरठी ,फरीद रज़ा ,फरमान रज़ा ,मक़सूद रिज़वी ,ज़ुलक़रनैन आब्दी , हैदर अली ,खुशनूद रज़ा रिज़वी ,मौलाना साकिब मुस्तफा रिज़वी ,रज़ा इस्माइल सफवी ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,शाहरुख काजी ,ज़ामिन हसन ,सफदर हुसैन ज़ुल्फ़ेकार हैदर आदि शामिल रहे।

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